फिरोजाबाद। नगर के होटल पेराडोर में प्रमुख स्वयंसेवी संस्था पेस दिशा चिल्ड्रेन्स प्रोग्राम के द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य जनपद में वर्ष 2030 तक बाल श्रम को शून्य करने के लिए सरकारी विभागों, समुदायों और वार्ड प्रतिनिधियों के साथ मिलकर वर्तमान स्थिति का आकलन करना और एक पाँच वर्षीय योजना तैयार करना रहा।
कार्यशाला में शिक्षा विभाग के एसआरजी सुभाष चंद्र यादव ने गरीबी, अशिक्षा और जागरूकता की कमी को बाल श्रम के मुख्य कारण बताते हुए एकजुट प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। स्वास्थ्य विभाग के सौरभ यादव ने बेरोजगारी को बाल श्रम का एक बड़ा कारण बताया। उन्होंने लोगों को नए कौशल सिखाने और बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित जांच एवं काउंसलिंग की आवश्यकता पर जोर दिया। नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त रामनयन ने पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही अशिक्षा और बाल मजदूरी को बाल श्रम का मूल कारण बताया। उन्होंने सरकार और समुदाय को समान जिम्मेदारी निभाने और बाल श्रम का प्रतिरोध करने की अपील की। बेसिक शिक्षा विभाग की जया शर्मा ने प्रत्येक वार्ड में बाल सुरक्षा निगरानी समिति गठित करने का सुझाव दिया, जो अपने क्षेत्र में बाल श्रम उन्मूलन के लिए जागरूकता अभियान चलाएगी। मजदूर संघ के महामंत्री रामदास मानव ने आर्थिक तंगी को बाल श्रम का मुख्य कारण बताते हुए न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि की आवश्यकता पर बल दिया। वार्ड नं. 15 के पार्षद प्रतिनिधि अनिल शंखवार ने समुदाय स्तर पर बाल श्रम विरोधी समितियों के गठन की आवश्यकता बताई, जो वार्ड स्तर पर बाल श्रम रोकने के लिए कार्य करेंगी। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सदस्य विश्वमोहन कुलश्रेष्ठ ने कहा कि 0-14 वर्ष के बच्चों से किसी भी प्रकार का श्रम कराना पूर्णतः प्रतिबंधित है तथा 15-18 वर्ष के किशोरों को जोखिम भरे कार्यों में लगाना वर्जित है। श्रम परिवर्तन अधिकारी विवेक कुमार त्रिवेदी ने कहा कि बाल श्रम के मुख्य कारण परिवारों की आर्थिक निर्धनता और अशिक्षा है। उन्हों कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से एक समग्र योजना बनाकर सभी संबंधित विभाग एक दिशा में समन्वित प्रयास करेंगे और उनका विभाग इस अभियान में निरंतर सहयोग प्रदान करने के लिए सदैव तत्पर रहेगा। कार्यशाला के अंत में पेस संस्था के निदेशक थॉमसन थॉमस ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और बाल श्रम उन्मूलन हेतु एक रणनीतिक दस्तावेज तैयार कर उसे लागू करने तक पूर्ण सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि 12 जून 2025 को बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर रणनीति को लागू किया जाएगा। कार्यशाला में प्रधानाचार्य भगवानदास शंखवार, अमित जैन विद्यार्थी, अनुपम शर्मा, मूवी शर्मा, राजीव यादव, नेहरू युवा केंद्र के मनीष कुमार, आरसेटी के योगेश शमार्, सोबरन सिंह एसआई के साथ कुल 45 प्रतिभागियों सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम कॉर्डिनेटर रेखा वर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
