विशेष संवाददाता – कृष्णकांत सोनी
मध्यप्रदेश के जिलों के नए परिसीमन को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से की गई घोषणा के बाद रायसेन के दूरस्थ और बड़ी आबादी वाली तहसील को जिला बनाने की चर्चा फिर शुरू हो गई है। नए परिसीमन में दूरी और विकास का हवाला देते हुए 3 तहसील बरेली,बेगमगंज और सिलवानी को नया जिला बनाने की मांग उठ रही है। तहसीलों की भौगोलिक स्थिति भी मांग को जायज ठहरा रही है। बेगमगंज, बरेली में जिला बनाने की मांग पहले से की जा रही है और बेगमगंज में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन भी शुरु हो गया है, सोमवार को सिलवानी के कम्यूनिटी हॉल में बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी राजनीतिक दल के पदाधिकारी, विभिन्न समाजों के संगठन पदाधिकारी, और सभी समाज व वर्गों के लोग मौजूद रहे और एक ही सुर और एक ही आवाज में सिलवानी को जिला बनाने की मांग को लेकर संकल्प लिया। नागरिकों ने बताया कि तहसील मुख्यालय सिलवानी के आदिवासी बाहुल्य गांवों की दूरी रायसेन जिला मुख्यालय से करीब 135 किमी है। इन ग्रामीणों को शासकीय कार्य से रायसेन जाने आने में लगभग 12 से 15 घंटों का समय लगता है। सिलवानी तहसील आजादी के बाद से विकास को लेकर तरसती रही है। क्षेत्र में कोई भी उद्योग धंधे नहीं है जिससे बेरोजगार युवक रोजगार की तलाश में जिला मुख्यालय तथा महानगरों की ओर पलायन कर रहे हैं। सिलवानी तहसील मुख्यालय चार तहसील के मध्य स्थित है, बरेली, उदयपुरा, देवरी, बेगमगंज, बम्होरी, सुल्तानगंज के बीच है। इसलिए इसे जिला बनाना चाहिए। सिलवानी वासियों को जिला अधिकारियों से समस्याओं को लेकर मिलने तथा विभिन्न शासकीय कार्यों से 85 किलोमीटर सफर कर जिला मुख्यालय रायसेन जाना पड़ता है। जिला बनाने की मांग को लेकर बैठक में रणनीति तैयार हुई और आगामी दिनों में चरण बद्ध तरीके से आंदोलन करने का निर्णय लिया।