फिरोजाबाद । रिश्ते चाहे पारिवारिक हों या फिर वैवाहिक, जीवन भर साथ निभाने के लिए विश्वास और आपसी ताल मेल की बेहद ही आवश्यकता होती है। यदि, इनमें से किसी भी एक का अभाव हो जाए तो, उस घर में शक का बीज पनपने लगता है। जो, धीरे धीरे आपसी ताल मेल व संबंधों को प्रभावित करता हुआ गम्भीर रूप धारण कर लेता है। जिसका प्रभाव घर गृहस्थी के साथ साथ उनके वैवाहिक जीवन पर भी पड़ता है। जिसे, बचाने के लिए बड़े बुजुर्गों या माता पिता के मध्यस्थता की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में यदि, दोनों ही पक्ष (पति-पत्नी) जब अपने-अपने माता-पिता या अन्य किसी की सुनने की बजाय, आपस में एक दूसरे की सुने, तो अंडरस्टैंडिंग बढ़ती है और विवाद यहीं खत्म हो जाता है। क्योंकि, पति-पत्नी एक दूसरे के जीवनसाथी होते हैं और अंत तक वहीं एक दूसरे का साथ देते हैं। अगर पति-पत्नी एक दूसरे को समय ही ना दे पाए और बातचीत ही ना कर पाए अर्थात् कम्युनिकेशन गैप करने लगे, तो दोनों के बीच में दूरियां बढ़ने लगते हैं और रिश्ते कमजोर होते चले जाते हैं। ऐसा ही एक मामला थाना टूंडला में उस समय देखने को मिला जब, एक शादी शुदा महिला ने अपनी आप बीती म0उ0नि0 अलवीना पठान चौकी प्रभारी टूंडला को सुनाई।

शिकायत कर्ता महिला ने बताया कि, उसकी शादी करीब आठ वर्ष पूर्व टूंडला के इंद्रा नगर निवासी नवीन पुत्र मुनेश (काल्पनिक नाम) के साथ हुई थी। दोनों के पास दो बच्चे भी हैं। शादी को लगभग 8 साल बीत चुके हैं। लेकिन आवेदिका मीना की शिकायत है कि, मेरे पति मुझे समय नहीं देते हैं, मुझसे बातचीत नहीं करते हैं। घर में राशन-पानी लाकर नहीं रखते है। अगर मैं कोई चीज मंगवाने के लिए कहती हूं तो, मेरे साथ मारपीट करते हैं। मेरी शादी को करीब 8 साल हो गए हैं और मेरे पास दो बच्चे हैं। अब मैं, उनको लेकर कहां जाऊंगी। मुझे अपना जीवन अपने पति के साथ ही गुजारना है। लेकिन मैं बहुत परेशानी से गुजर रही हूं क्योंकि, मेरे पति मेरा और बच्चों का ध्यान नहीं रखते हैं।

शिकायत कर्ता महिला की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करते हुए चौकी प्रभारी म0उ0नि0 अलवीना पठान ने मीना तथा नवीन की काउंसलिंग की। दोनों पक्षों को समझाया। कम्युनिकेशन गैप होने की वजह से रिश्ते खराब हो जाते हैं। हमें आपस में एक दूसरे के साथ मिलकर रहना चाहिए। छोटे-छोटे पलों में खुशी को ढूंढना चाहिए। जिस पर दोनों ही पक्षों ने भली भांति समझकर अपनी-अपनी गलती का एहसास किया और पुलिस का धन्यवाद करते हुए दोनों पक्ष राजी खुशी चौकी से रुखसत हुए।