फ़िरोज़ाबाद में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, प्रशासनिक न्यायमूर्ति माननीय डॉ. गौतम चौधरी ने राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन किया। इस अवसर पर, उन्होंने लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डाला और इसके उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताया।
लोक अदालत में, विभिन्न न्यायाधीशों और मजिस्ट्रेटों ने अपनी सेवाएं प्रदान कीं और वादों का निस्तारण किया। इस दौरान, कुल 135195 वादों का निस्तारण किया गया, जिससे न्याय प्रणाली में व्याप्त भीड़भाड़ को कम करने में मदद मिली।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य न्याय प्रणाली को अधिक कार्यक्षम और प्रभावी बनाना था, साथ ही साथ लोगों को त्वरित और सुलभ न्याय प्रदान करना भी था। लोक अदालत के माध्यम से, न्यायपालिका ने न केवल वादों का निस्तारण किया, बल्कि लोगों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में भी जागरूक किया।
इस अवसर पर, न्यायाधीशों और मजिस्ट्रेटों ने वादों का निस्तारण करते समय लोगों की समस्याओं को ध्यान से सुना और उनके समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाए। इससे न केवल न्याय प्रणाली में विश्वास बढ़ा, बल्कि लोगों को न्याय प्राप्त करने में भी आसानी हुई।
राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन न्याय प्रणाली में सुधार और लोगों को त्वरित न्याय प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न्याय प्रणाली की प्रभावशीलता में वृद्धि होगी और लोगों को न्याय प्राप्त करने में मदद मिलेगी।