विजयदशमी के दिन फिरोजाबाद के रामलीला मैदान में हुआ रावण वध, हजारों की संख्या में उमड़े लोग

फिरोजाबाद, 11 अक्टूबर: विजयदशमी के पावन अवसर पर फिरोजाबाद के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में एक बार फिर प्रभु श्रीराम द्वारा रावण के वध का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन हर साल की तरह इस साल भी विशेष धूमधाम से मनाया गया, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु और दर्शक शामिल हुए। दूर-दराज से लोग इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए आए थे, जिससे रामलीला मैदान में जनसैलाब उमड़ पड़ा।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम:

आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ी। फिरोजाबाद पुलिस के सुरक्षा बलों ने पूरे आयोजन स्थल को सुरक्षा घेरे में रखा था। विशेष रूप से एसपी सिटी और सीओ सिटी ने खुद मैदान का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने पुलिस कर्मियों को सतर्क रहने और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए निर्देश दिए। पुलिस बल ने चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी ताकि मेले में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो सके। सुरक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत थी कि लोग बिना किसी डर या असुविधा के रावण वध का दृश्य देख पाए।

मेला कमेटी की कड़ी मेहनत:

इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में मेला कमेटी के सदस्यों की विशेष भूमिका रही। मेला कमेटी के सभी पदाधिकारी पूरी तैयारी के साथ व्यवस्थाओं में जुटे रहे। उन्होंने इस बात का ध्यान रखा कि दर्शकों को कोई असुविधा न हो और आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो सके। मेले के दौरान खाने-पीने और अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया, जिससे दर्शकों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

रावण का प्रतीकात्मक वध:

रावण का वध, रामलीला का सबसे महत्वपूर्ण दृश्य माना जाता है। इस वर्ष भी रावण के विशाल पुतले का दहन किया गया, जिसे देखने के लिए लोग बेताब थे। रावण का पुतला अग्नि में जलते ही मैदान में जय श्रीराम के नारों की गूंज सुनाई देने लगी। यह दृश्य दर्शकों के लिए अत्यंत रोमांचक था। रावण दहन के समय आतिशबाजी ने आयोजन को और भी भव्य बना दिया। आसमान में रंग-बिरंगे पटाखे फूटे, जिससे मेले का माहौल उल्लासमय हो गया।

बुराई पर अच्छाई की जीत:

विजयदशमी का यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। हर वर्ष की तरह इस बार भी लोगों ने इसे अत्यंत श्रद्धा और उत्साह से मनाया। रावण के प्रतीकात्मक वध के साथ यह संदेश दिया गया कि चाहे समय कितना भी कठिन क्यों न हो, अंत में जीत हमेशा सच्चाई और अच्छाई की होती है। इस आयोजन ने फिर से यह सिखाया कि जीवन में सत्य और धर्म का पालन करना ही वास्तविक विजय है।

दर्शकों का उत्साह:

इस बार का आयोजन खास था क्योंकि महामारी के बाद लोग पहली बार इतने बड़े आयोजन में शामिल हुए। दर्शकों का उत्साह देखते ही बनता था। हर कोई इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित था। दूर-दूर से लोग परिवार सहित आयोजन का आनंद लेने आए थे। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी के चेहरे पर प्रसन्नता और उल्लास साफ झलक रहा था।

सांस्कृतिक महत्व:

फिरोजाबाद की यह प्राचीन रामलीला न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि इस शहर की सांस्कृतिक धरोहर का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। रामलीला के माध्यम से हर साल लोग भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं से रूबरू होते हैं। इस साल का आयोजन भी उसी परंपरा का अनुसरण करते हुए बेहद भव्य और सफल रहा।

समापन:

इस आयोजन के समापन के साथ ही एक बार फिर यह सिद्ध हो गया कि बुराई पर अच्छाई की जीत निश्चित है। विजयदशमी के इस पर्व ने सभी को एक नई प्रेरणा दी और प्रभु श्रीराम के आदर्शों का अनुसरण करने का संदेश दिया।

फिरोजाबाद से संवाददाता विशाल वर्मा की रिपोर्ट

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vishal varma
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