फिरोजाबाद/28 फरवरी/सू0वि0/
इस महत्वपूर्ण कार्य में जनभागीदारी अवश्य हो: जिलाधिकारी।
यह नदी आने वाले समय में जनपद की जीवन धारा सिद्ध होगी: जिलाधिकारी।
इस महत्वपूर्ण बैठक में अनुपस्थित सचिवों के वेतन रोकने के जिलाधिकारी ने दिए निर्देश।
फिरोजाबाद। जिलाधिकारी रमेश रंजन की जनपद में एक नई पहल, जिलाधिकारी द्वारा सिरसा नदी के जीर्णाेद्वार को लेकर एक बैठक का आयोजन विकास भवन सभागार कक्ष में मुख्य विकास अधिकारी शत्रोहन वैश्य, जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक, डीसी मनरेगा, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद सिरसागंज, शिकोहाबाद सम्बंधित बीडीओ, ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत सचिवों की उपस्थिति में आयोजित किया गया, जैसा कि विदित है कि सिरसा नदी जनपद अलीगढ़, हाथरस और एटा से होते हुए जनपद फिरोजाबाद के विकासखंड टूंडला की ग्राम पंचायत रामगढ़ उमरगढ़ से प्रारंभ होकर विकासखंड मदनपुर की ग्राम पंचायत कौरारी तक जाती है, जनपद में नदी की कुल लंबाई 108.76 किलोमीटर है, जिसमें 6 विकासखंड टूंडला, नारखी, खैरगढ़, शिकोहाबाद, अरांव एवं मदनपुर की कुल 49 ग्राम पंचायतें एवं तीन नगर पंचायतें मक्खनपुर, शिकोहाबाद एवं सिरसागंज से होकर गुजरती है।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह नदी जिले की जीवन धारा बन सकती है, क्योंकि कुछ क्षेत्रों में अभी भी पानी मानक के अनुरूप नहीं है, इसलिए इस नदी के पुर्नाेद्धार से जिले के तमाम नागरिकों को लाभ पहुंचेगा इसीलिए इस कार्य को सभी गंभीरता से लें, इस नदी के पुर्नाेद्धार हेतु हजारों मजदूर लगाए जाएं, जिससे कार्य में शीघ्रता और तीव्रता आए नदियों से निकलने वाले कचरे को भी निस्तारण कराया जाए, यह कार्य ज्यादा से ज्यादा मनरेगा से कराया जाए, कम से कम 75 प्रतिशत श्रमिकों को इस महत्वपूर्ण कार्य में लगाया जाए, साथ ही साथ इस कार्य में जन सहभागिता भी हो, लोगों को इसके बारे में बताएं और उनसे भी इनके जीर्णाेद्धार में मदद लें, इस नदी के किनारे फलदार वृक्ष लगाए जाए, जगह-जगह पानी को रोकने के लिए चेकडैम बनाए।
यह नदी जिले के लिए उसी तरह महत्वपूर्ण साबित होगी जिस तरह महाकुंभ के समय गंगा, जमुना और सरस्वती का महत्व होता है, जिलाधिकारी ने सभी सचिवों एवं प्रधानों से अनुरोध किया है कि इस कार्य को मिशन मोड पर करें, यह पुण्य का कार्य है, साथ ही साथ इस नदी के पुनर्जीवन से इस नदी के किनारे स्थानीय वनस्पतियां विकसित होगीं, जो पशुओं के आहार हेतु जीविका का आधार बनेगी, इससे सिंचाई हेतु जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी, नागरिकों को शुद्ध पेयजल की प्राप्ति होगी, जिससे उनका स्वास्थ्य खराब नहीं होगा, साथ ही साथ यहां पर एकत्रित जल से 0.33 हेक्टेयर मीटर प्रति वर्ष जल रिचार्ज किया जा सकेगा।
साथ ही सिरसा नदी के जल से 3183 कृषक परिवारों को सिंचाई हेतु लाभ मिल सकेगा, जिलाधिकारी ने कहा इस कार्य को 5 मार्च से अवश्य प्रारंभ कर दें, जिससे इस महत्वपूर्ण कार्य को शीघ्र पूरा किया जा सके, इस महत्वपूर्ण बैठक में जो सचिव अनुपस्थित थे उनका वेतन अग्रिम आदेशों तक रोकने के निर्देश दिए, उन्होंने सभी अधिकारियों एवं ग्राम प्रधानों से इस कार्य में अपना संपूर्ण योगदान देने की बात कही।
मुख्य विकास अधिकारी शत्रोहन वैश्य ने कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्य से न केवल इंसानों को अपितु पशु-पक्षियों को भी लाभ प्राप्त होगा, जिलाधिकारी ने उपस्थित तहसीलदार को निर्देशित किया कि जहां-जहां भूमि सम्बंधित विवाद हैं वहां-वहां इसका निवारण कराए। जिलाधिकारी ने कहा कि सिरसा नदी का जीर्णाेद्धार जनपद के विकास में मील का पत्थर साबित होगा, उन्होने बीडीओ टूण्डला, नारखी, हाथवंत इत्यादि से उनकी कार्ययोजना के सम्बन्ध में भी जानकारी चाहीं।



