
आज जिला कांग्रेस कमेटी फिरोजाबाद के निवर्तमान जिलाध्यक्ष संदीप तिवारी द्वारा घर संसार बाईपास रोड स्थित कार्यालय पर स्वर्गीय श्री कर्पूरी ठाकुर जी (पूर्व मुख्यमंत्री) की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए बताया कि सन १९६७ में जब वे पहली बार बिहार के उपमुख्यमन्त्री बने तब उन्होने बिहार में मैट्रिक परीक्षा पास करने के लिए अंग्रेजी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया। इसके पीछे उनका सुचिंतित तर्क था। उस काल में अंग्रेजी के कारण अधिकांश लड़कियां मैट्रिक पास नहीं कर पाती थीं। इस कारण लड़कियों के विवाह में मैट्रिक की परीक्षा पास करना बड़ी अड़चन बन गया था। कर्पूरी ठाकुर जी ने इसका आकलन-अध्ययन कराया तो पता चला कि अधिकतर छात्र अंग्रेजी में ही अनुतीर्ण होते हैं। यह वह समय था जब छठी या आठवीं क्लास से अंग्रेजी की पढ़ाई शुरू होती थी। यानी अंग्रेजी का ज्ञान देर से शुरू होता था और मैट्रिक का परिणाम खराब होने का यह कारण बनता। इसी उद्देश्य से उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा में अंग्रेजी विषय में पास करने की अनिवार्यता खत्म कर दी थी। इस प्रकार उन्होंने शिक्षा को आम लोगों तक पहुँचाया। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य के सभी विभागों में हिंदी में काम करने को अनिवार्य बना दिया था।ईमानदार व्यक्तित्व
सहज जीवनशैली के धनी थे।
वे सरकार बनाने के लिए लचीला रूख अपना कर किसी भी दल से गठबंधन कर सरकार बना लेते थे, लेकिन अगर मन मुताबिक काम नहीं हुआ तो गठबंधन तोड़कर निकल भी जाते थे। यही वजह है कि उनके दोस्त और दुश्मन दोनों को ही उनके राजनीतिक फ़ैसलों के बारे में अनिश्चितता बनी रहती थी। कर्पूरी ठाकुर का निधन 64 साल की उम्र में 17 फरवरी, 1988 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में मनोज भटेले, संत कुमार,मानसिंह दिवाकर,वकार अहमद,रामकुमार रावत,रोहित यादव आदि लोग उपस्थित थे।
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